Menu
blogid : 143 postid : 1095115

भारत का दुर्भाग्य है कि हमें पाकिस्तान जैसा पडोसी मिला ———

निहितार्थ
निहितार्थ
  • 138 Posts
  • 515 Comments

भारत का दुर्भाग्य है कि ———हमें पाकिस्तान
जैसा पडोसी मिला

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और कई अन्य व्यक्ति कहा करते थे कि पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है और पडोसी बदले नहीं जा सकते. मैं यह कहूँगा कि भारत का यह दुर्भाग्य है कि हमें पाकिस्तान जैसा पडोसी मिला. भारत का विभाजन 14 /15 अगस्त 1947 में हुआ. अग्रेजों की ‘ divide and rule policy ‘ सफल हुई ‘. भारत माता के दो टुकड़े हुए. गांधी जी भारत का विभाजन कभी नहीं चाहते थे लेकिन   कुटिल सियासतदानों नें गांधी जी के विरुद्ध जाकर भी भारत का विभाजन कराया. अंग्रेजों नें अपने 200 वर्ष के शासन में हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच नफरत पैदा कर दिया था इसका उपयोग जिन्ना नें किया. जिन्ना नें द्विराष्ट्रवाद का सिद्धांत ( two nation theory ) प्रतिपादित किया था. उनके कहने का मतलब था कि हिन्दू और मुस्लिम दो अलग अलग क़ौमें हैं जो एक साथ नहीं रह सकतीं हैं. मुहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान बनाने पर आमादा थे. दूसरी ओर के लोग मंत्री पद कब्जाने के लिए आतुर थे. जिन्ना नें जब देखा की पाकिस्तान बन पाना आसान नहीं था तब उन्होंने डाइरेक्ट ऐक्शन की घोषणा कर दिया जिसमें लोगों नें हथियार उठा लया और पंजाब और बंगाल में भीषण रक्तपात हुआ. अंत में दो देश, एक धर्म निरपेक्ष भारत और दूसरा इस्लाम पर आधारित पाकिस्तान का निर्माण हुआ. ऐसा लगता है कि भारत का मुसलमान आज भी अपने को two nation theory से अलग नहीं कर पाया है. वह देश की मुख्य धारा में शामिल नहीं होना चाहता है. हिन्दू और मुस्लिम के बीच की खाई इतनी गहरी हो चुकी है कि इसको पाट पाना सम्भव नहीं लगता है. इसकी पृष्ठभूमि में हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच लगभग एक हज़ार वर्ष की नफ़रत का इतिहास है. लगभग एक    हज़ार   पूर्व भारत में मुहम्मद ग़ज़नवी और मुहम्मद गोरी के आगमन के साथ मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं पर अत्याचार शुरू हुए. नफ़रत की दीवार लगातार ऊंची होती गई.

इस्लाम में सहिष्णुता का अभाव .

इस्लाम समय की आवश्यकतानुसार कोई परिवर्तन भी स्वीकार नहीं करता है. जबकि हिन्दुओं में 33 करोड़ देवता को मान्यता प्राप्त है. 33 करोड़ देवता तब थे जब देश की आबाादी 35 करोड़ के आस पास थी. यानि कि व्यक्ति के ऊपर एक देवता. इसके स्पष्ट मतलब यह हैं कि किसी अन्य धर्म में हर हिन्दू को अपने तरीके से अपने आराध्य की उपासना की खुली छूट है. उपासना की इतनी आज़ादी किसी अन्य धर्म में. नहीं है, इस्लाम में तो कतई नहीं. सभी धर्मों का उद्देश्य एक है वह है गऱीबों और मानव मात्र की सेवा करना. सभी का लक्ष्य एक है वह है परम पिता परमात्मा, ईश्वर, वाहे गुरु, अल्लाह, गॉड में विश्वास रखना. यह सारी शक्तिया एक हैं यद्यपि कि सभी धर्मों नें ईश्वर तक पहुँचने के अलग अलग रास्ते बताये है,. केवल इस्लाम ऐसा धर्म है जो अपने रास्ते को सही बताता है और अन्यों को हेय दृष्टी से देखता है. इस्लाम न तो सभी धर्मों की एकता और न तो ईश्वर, अल्लाह, गॉड,वाहेगुरु, इत्यादि की एकता में विश्वास करता है. इसी कारण इस्लाम अन्य धर्मों को सम्मान की दृष्टी ती से नहीं देख पाता है. इस्लाम में सहनशीलता और सहिष्णुता का अभाव है. इस्लाम और अन्य धर्म उतरी और दक्षिणी ध्रुव या नदियों के दो पाटों के सामान हैं. अगर इस्लाम और अन्य धर्मों की स्थिति उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव जैसी है तो पाकिस्तान और भारतकी स्थिति भी इससे अलग नहीं हो सकती, भारत और पाकिस्तान में सम्बन्ध सुधारने की सम्भावनाएं नगण्य हैं.

भारत — पाकिस्तान संबंधों में संघर्ष का कारण

मुख्य कारण है इस्लाम के कुछ ऐसे सिद्धांत जो अन्य धर्मावलम्बियों को अल्लाह के अतिरिक्त किसी अन्य परम शक्ति में आस्था रखने की इज़ाज़त नहीं देते हैं. अल्लाह में यकीन न रखने को कुफ्र और यकीन न रखने वाले को काफिर कहते हैं. काफिर को जीने का अधिकार नहीं है. इस्लाम किसी अन्य धर्म के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता है. ज़ाहिर है इस्लाम का किसी अन्य धर्म से मेल जोल संभव नहीं लगता है. जिन्नाह की two nation theory पाकिस्तान और हिंदुस्तान को कभी करीब नहीं आने देगी. इस्लाम में मौजूद हिंसा, असहिष्णुता, जिहाद, दूसरों के प्रति नफरत विश्वशांति के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं. इस्लाम का किसी अन्य धर्म के साथ सह –अस्तित्व सम्भव नहीं लगता है. इस्लाम आजकल की आवश्यकता के अनुरूप परिवर्तनशील भी नहीं है. जिहादी आतंकवाद नें विश्व शांति के लिए खतरा उत्पन्न किया है. इस्लाम अगर सहनशील, सहिष्णु बनता है जिहादी आतंकवाद का त्याग करता है तब यह विश्व शांति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh